Biswanath Patnaik ने इस देश में मंदिर बनाने के लिए दिए 250 करोड़ रुपए, जानें ये बातें भीं

Rakesh Kumar
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Biswanath Patnaik

Biswanath Patnaik : अक्सर देखने में आता है कि बड़े-बड़े रईस दान-पुण्य भी दिल खोलकर करते हैं। यह राशि या तो गरीबों की भलाई में लगाई जाती है या किसी धार्मिक स्थल के विकास के लिए इसका उपयोग होता है। अब रईस दानदाताओं की श्रेणी में ओडिशा के रहने वाले बिश्वननाथ पटनायक का नाम भी जुड़ गया है। पटनायक ने ब्रिटेन में पहला जगन्नानथ मंदिर बनाने के लिए 250 करोड़ रुपए डोनेट किए हैं। खास बात ये है कि यह भारत से बाहर किसी भी जगह मंदिर बनाने के लिए दी गई सबसे बड़ी राशि है। यह मंदिर लंदन के बाहरी इलाके में बनेगा। ब्रिटेन सरकार ने इसके लिए 15 एकड़ जमीन निर्धारित की है। यूके चैरिटी निर्धारित जगह पर मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटा रही है।

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने किया था वादा

आपको बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने चुनावी अभियान के दौरान जनता को आश्वासन दिया था कि जीत के बाद लंदन में भगवान जगन्नाेथ का मंदिर बनाया जाएगा। टाइम्सन ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पटनायक ब्रिटेन में इनवेस्टामेंट फर्म फिननेस्टफ ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन व फाउंडर हैं। उन्होंनने अक्षय तृतीया के मौके पर मंदिर निर्माण को लेकर हुए पहले सम्मे लन में दान करने की घोषणा की। पटनायक लीगल काउंसलर भी हैं। पटनायक मंदिर के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। पटनायक ने निर्माण का काम जल्द पूरा कराने के लिए सहयोग की अपील की है।

70 करोड़ रुपए से खरीदी 15 एकड़ जमीन

निर्माण के लिए मिली इतनी बड़ी रकम में से 70 करोड़ रुपए से 15 एकड़ जमीन खरीदी गई है। इस पर जल्दन निर्माण कार्य शुरू होगा और पहले फेज का काम साल 2024 के आखिर तक खत्म हो जाएगा। इस बीच, श्री जगन्ना थ सोसाइटी यूके के चेयरपर्सन डॉ. सहदेव स्वाजन ने कहा कि मंदिर बनने के बाद इसकी संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और इसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक खिंचे चले आएंगे।

पटनायक ने ली ये डिग्रियां, कई साल किया बैंकिंग सेक्टर में काम

अब हम बात करते हैं पटनायक के दूसरे पहलुओं की। पटनायक ने ओडिशा की उत्कवल यूनिवर्सिटी से साल 1999 में बीए इकोनॉमिक्सग में ग्रेजुएशन किया था। बाद में बिजनेस एडमिनिस्ट्रे शन में मास्ट र डिग्री ली। फिर लंदन स्कूूल ऑफ इकोनॉमिक्सं से रियल एस्टेिट एंड फाईनेंस की पढ़ाई की। कई वर्षों तक बैंकिंग क्षेत्र में काम करने के बाद पटनायक ने साल 2009 में उद्यमिता में कदम रखा। पटनायक यूनेस्को (UNESCO) के माध्यम से भारत में भी परोपकार के काम कर रहे हैं। वे फिलहाल देश की 500 गरीब लड़कियों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं। वे दिल्ली में सोशल एक्शन फाउंडेशन की एक अंतरराष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष हैं। समिति वंचित बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण व शिक्षा उपलब्ध कराती है।

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