छोड़ो कल की चिंता! रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन के रूप में ऐसे मिलेंगे 15670 रुपए

Rakesh Kumar
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Rupees

इस भागती-दौड़ती जिंदगी में लोग बढ़िया जीवनयापन के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। वे वर्तमान तो अच्छा बिताना चाहते ही हैं, साथ ही उज्ज्वल भविष्य के लिए भी चिंतित रहते हैं। हालांकि सरकार भी इस बात का ध्यान रखती है और कुछ न कुछ ऐसा करती है जिससे लोगों को मदद मिले। आप अगर किसी संगठित क्षेत्र (Organised Sector) में काम करते हैं तो अधिकतर प्राईवेट सेक्टर एम्प्लॉयी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ के लिए पात्र (Eligible) होते हैं। खास बात ये है कि वाणिज्यिक क्षेत्र (Commercial Sector) में अपने समकक्षों के विपरीत सरकारी कर्मचारी भी पेंशन के लिए योग्य हैं। आपको बता दें कि एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड की स्थापना संसद में ईपीएफ एक्ट के पास होने के बाद हुई थी।

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EPFO के पास है इस बात की जिम्मेदारी

कानून के हिसाब से एम्प्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (EPFO) के पास उस पैसे का जिम्मा है, जो एम्प्लॉयी (कर्मचारी) और एम्प्लॉयर (नियोक्ता) परमानेंट अकाउंट में जमा करते हैं। इस अकाउंट की पहचान यूनीक अकाउंट नंबर (UAN) से की जाती है। आप एक ईपीएफ केलकुलेटर की मदद से आपकी सेविंग को आसानी से इवेल्युएट (आकलन) कर सकते हैं। भविष्य के वित्तीय फैसले लेने में प्रोविडेंट फंड (PF) काफी मददगार है क्योंकि यह भविष्य की समृद्धि या जॉब लॉस में गारंटी का काम करता है।

कर्मचारी और नियोक्ता दोनों देते हैं बराबर योगदान

ईपीएफ सिस्टम में कवर होने वाले कर्मचारी अपने बेस पे और डियरनेस अलाउंस (महंगाई भत्ता) का 12% फिक्स अमाउंट के रूप में योगदान देते हैं। इसके बाद नियोक्ता भी 12% का ही योगदान देता है। इसमें से 8.33% ईपीएस और 3.67% कर्मचारी के ईपीएफ अकाउंट में जाता है। नियोक्ता द्वारा भी ईपीएफ प्लान में बराबर योगदान दिया जाना चाहिए। वित्त मत्रालय से विचार-विमर्श के बाद ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ईपीएफ की ब्याज दरों (Interest Rates) का निर्धारण करता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ इंटरेस्ट रेट 8.15% है।

ईपीएफ केलकुलेटर से जानें कैसे आएंगे 15670 रुपए

अब हम आपको बताएंगे कि ईपीएफ केलकुलेटर से कैसे गणना की जाती है। मान लेते हैं कि किसी कर्मचारी की सेलरी डीए सहित 100000 रुपए है। अपने ईपीएफ में कर्मचारी का योगदान 12% यानी 12000 रुपए है। अब इसमें नियोक्ता 3.67% का योगदान देता है, जो 3670 रुपए हो जाता है। इसके अलावा नियोक्ता ईपीएस में 40000 रुपए का 8.33% कॉन्ट्रिब्यूट करता है, जो 8330 रुपए है। इस तरह से कर्मचारी के ईपीएफ अकाउंट में नियोक्ता और कर्मचारी द्वारा कुल 15670 रुपए का योगदान हो जाएगा। हर महीने के लिए जो इंटरेस्ट रेट लागू होगी वो है 8.5%/12 = 0.679%. इसका मतलब है कि जॉइनिंग के महीन के लिए कुल योगदान 15670 रुपए हो जाएगा।

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