Asok Kumar Hiranandani : 14000 करोड़ रुपए के मालिक, जानें कैसे चमकाया अपना बिजनेस

Rakesh Kumar
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Asok Kumar Hiranandani

Asok Kumar Hiranandani : हिंदुस्तानी पूरी दुनिया पर छाए हुए हैं। दुनिया के हर हिस्से में उनकी सफलता की गूंज सुनाई देती है। हर कोई हिंदुस्तानियों की मेहनत और प्रतिभा का कायल है। खेल, मनोरंजन, बिजनेस, ज्ञान-विज्ञान सहित हर क्षेत्र में भारतीय देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आज हम जिस शख्सियत का उल्लेख कर रहे हैं वो भी किसी से कम नहीं और अपने फन के बादशाह हैं। जी हां, यहां हम आपको बिजनेस महारथी अशोक कुमार हिरानंदानी की जिंदगी के कुछ खास पहलुओं से रूबरू कराना चाहते हैं।

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सिंगापुर में इस मामले में नं.1 हैं अशोक हिरानंदानी

हिरानंदानी सिंगापुर में भारतीय मूल के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनकी नेटवर्थ 1.7 बिलियन डॉलर (14000 करोड़ रुपए) है। हिरानंदानी अर्स्टवाइल रॉयल ब्रदर्स प्रॉपर्टी ग्रुप (erstwhile Royal Brothers property group) के कोफाउंडर हैं। साल 2011 में हिरानंदानी अपने भाई राजकुमार से अलग हो गए थे। दोनों भाइयों ने अपने विशाल रियल एस्टेट एम्पायर (अचल संपत्ति साम्राज्य) को बांट लिया था। हिरानंदानी रॉयल ग्रुप के मालिक हैं। यह उनके बेटे बॉबी चलाते हैं। बॉबी भी अरबपति हैं। रॉयल ग्रुप के पास 215 कमरों वाले सोफिटेल सिंगापुर सेंटोसा रिसॉर्ट का स्वामित्व है। हिरानंदानी ने सेंटोसा में सिंगापुर का दूसरा राफेल्स होटल बनाने की तैयारी कर ली है। साल 2022 में हिरानंदानी ने अपने 134 कमरों वाले एसओ/सिंगापुर होटल को 240 मिलियन सिंगापुर डॉलर में बेच दिया था। इसके बाद उन्होंने 172 मिलियन सिंगापुर डॉलर में ऑर्चर्ड रोड के पास मिंग आर्केड खरीद लिया था।

स्मार्ट बिजनेस डील्स से हुए वारे न्यारे

फोर्ब्स के मुताबिक रॉयल ग्रुप ने पिछले 10 साल में पांच होटल प्रोजेक्ट बेचकर करीब 800 सिंगापुर डॉलर कमाए हैं। रियल एस्टेट फर्म ने इनकी बिक्री से 300 मिलियन सिंगापुर डॉलर से ज्यादा गेन किए और इस राशि को नए प्रोजेक्टों में फिर से निवेश कर दिया। आपको बता दें कि अशोक हिरानंदानी की नेटवर्थ 2012 में 910 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जो अब जबरदस्त छलांग मारकर 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गई है। इसके पीछे मुख्य रूप से कुछ स्मार्ट बिजनेस डील्स को जिम्मेदार बताया जा रहा है। रॉयल ग्रुप के चेयरमैन हिरानंदानी ने फोर्ब्स के साथ बातचीत में कहा कि हम हमारे प्रोजेक्टों के साथ इमोशनल अटैचमेंच (भावनात्मक लगाव) नहीं रखते। हम एक फैमिली ऑफिस हैं। हमें बिजनेस में पूंजी के लिए ताजा इंजेक्शंस लाने पड़ते हैं। हर पांच साल में नई पूंजी लाने के लिए हमारे पास एक एसेट मोनेटाइजेशन प्लान है।

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