रविवार को देश के सबसे बड़े और लोकप्रिय बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कहा कि कस्टमर्स एक बार में 2000 रुपए के नोट 20000 रुपए की सीमा तक बिना किसी रिक्विजिशन स्लिप (मांग पर्ची) के बदलवा सकते हैं। साथ ही उन्हें नोट एक्सचेंज कराते समय कोई भी आईडेंटिटी प्रूफ सबमिट करने की जरूरत नहीं है। बैंक ने यह स्टेटमेंट इसलिए जारी किया है क्योंकि सोशल मीडिया पर कई अफवाहें और गलत सूचनाएं फैलाई जा रही थीं। इनमें कहा जा रहा था कि 2000 रुपए के नोट जमा कराने वालों को एक फॉर्म सबमिट करने के साथ आधार कार्ड जैसे परिचय पत्र भी जमा कराने होंगे। इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को बाजार से 2000 रुपए का नोट हटाने का आदेश जारी किया था। आरबीआई ने लोगों से कहा कि वे बैंक में 30 सितंबर तक अपने पास मौजूद 2000 रुपए के सभी नोटों को या तो जमा करा दें या फिर उन्हें बदलवा लें।
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बैंक में अकाउंट होना जरूरी नहीं
2000 रुपए का नोट इसके बाद भी लीगल रहेगा। अभी आप अपनी पास की किसी भी बैंक की शाखा में जाकर ये नोट बदल सकते हैं। उस बैंक में आपका अकाउंट हो ऐसा जरूरी नहीं है। आप सीधे काउंटर पर जाकर नोट बदल सकते हैं। अगर आपका बैंक में खाता है तो ये रुपए जमा भी करा सकते हैं। एक बार में 20 हजार रुपए की सीमा तक यानी 2000 रुपए के 10 नोट तक दूसरे डिनॉमिनेशन (100, 200, 500 रुपए) में एक्सचेंज करवा सकते हैं। बैंक अकाउंट है तो 2000 के चाहे जितने नोट जमा कराने की सुविधा है। नोट बदलने के लिए कोई भी चार्ज नहीं लगेगा। अगर कोई पैसे मांगता है तो आप बैंक अधिकारी या बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करें।
4-5 साल पहले ही बंद हो चुकी है छपाई
उल्लेखनीय है कि 2000 रुपए का नोट नवंबर 2016 में बाजार में आया था। तब सरकार ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था। आरबीआई साल 2018-19 से 2000 रुपए के नोट की छपाई बंद कर चुका है। आरबीआई ने 30 सितंबर तक 2000 रुपए के नोट बैंकों में बदलने या अपने खाते में जमा करने को कहा है। साथ ही यह भी साफ किया कि नोट इसके बाद भी लीगल रहेगा। यह कदम सिर्फ लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है, ताकि वे 2000 रुपए का नोट बैंकों को वापस करें। आपको बता दें कि 2000 रुपए का नोट आम आदमी के बहुत ज्यादा काम नहीं आया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2000 रुपए का नोट बंद होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि यह पहले से ही कम ही चलन में था।
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