प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की राजधानी में नए संसद भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने लोकसभा कक्ष में ऐतिहासिक ‘सेन्गोल’ को स्थापित किया। पारंपरिक वेशभूषा में नजर आ रहे पीएम मोदी ने नई संसद देश को समर्पित की। मोदी ‘सेन्गोल’ को शोभायात्रा के रूप में ‘नंदस्वरम’ की धुनों और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच नई संसद में ले गए। मोदी ने इसे लोकसभा कक्ष में स्पीकर ओम बिरला की कुर्सी के दाईं ओर स्पेशल एनक्लोजर में स्थापित (इंस्टॉल) कर दिया। मोदी ने आदरस्वरूप ‘सेन्गोल’ के सामने झुककर उसे नमन किया। मोदी को यह ‘सेन्गोल’ अधीनाम्स ने सौंपा। पीएम मोदी ने नया संसद भवन बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले कुछ कामगारों (वर्कर्स) को शॉल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ की पूजा और हवन
उन्होंने ओम बिरला के साथ पूजा और हवन में हिस्सा लिया। इस अवसर को और यादगार बनाने के लिए कई आस्थाओं वाली प्रार्थना की गई। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने इससे पहले गेट नं.1 से पार्लियामेंट प्रीमिसेज (संसद परिसर) में एंट्री की और बिरला ने उनका स्वागत किया। मोदी ने कर्नाटक के श्रीनगेरी मठ के पुजारियों द्वारा किए जा रहे मंत्रोच्चारण के बीच नए भवन के उद्घाटन पर भगवान के आशीर्वाद के लिए गणपति होमाम किया।
अब एक साथ बैठ सकेंगे 1280 सांसद
उल्लेखनीय है कि नई संसद को बनाने पर करीब 1200 करोड़ रुपए का खर्चा आया है। इसमें राज्यसभा कक्ष में 300 सांसदों के बैठने की क्षमता है। इसी तरह लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के लिए व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों की एक साथ बैठक होने पर लोकसभा कक्ष में 1280 सांसदों के बैठने का इंतजाम हो सकता है। कई विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। वे चाहते थे कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होता।
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