Edible Oil : हमारे देश में लम्बे समय से महंगाई कहर बरपा रही है। हर चीज के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और ये कम होने का नाम नहीं ले रहे। कह सकते हैं कि एक बार कीमत बढ़ने के बाद नीचे आती ही नहीं। ऐसे में कभी-कभार किसी चीज के सस्ते होने की खबर आती है तो जनता को बड़ा अच्छा लगता है। अब एक ऐसा ही राहत भरा समाचार मिला है, जो महंगाई से जूझ रहे लोगों पर कुछ ठंडे छींटे डालेगा। दरअसल केंद्र सरकार ने गुरुवार को खाद्य तेल उद्योग (Edible Oil Industry) से तुरंत प्रभाव से कम कीमतों का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए कहा है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आई है और इसे घरेलू बाजार में भी लागू कर उपभोक्ताओं को लाभांवित करें।
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कुकिंग ऑइल की वैश्विक कीमतों में आई कमी
स्टेकहोल्डर्स को तुरंत प्रभाव से यह मामला उनके सदस्यों तक ले जाने की सलाह दी गई और वे तय करें कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई कमी के हिसाब से हर ऑइल ब्रैंड के मैक्जीमम रिटेल प्राइस (MRP) को घटाया जाए। सूत्रों ने बताया कि बैठक में सोल्वेंट एक्सट्रेक्शन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAI) और इंडियन वेजीटेबल ऑइल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IVPA) के प्रतिनिधि मौजूद थे। वे कुकिंग ऑइल की वैश्विक कीमतों में आई कमी के बाद भारत में इनकी रिटेल प्राइस को घटाने पर विचार-विमर्श के लिए जमा हुए थे।
दो माह में गिरे इतने दाम
इंडस्ट्री ने बताया कि पिछले दो महीने में विभिन्न खाद्य तेलों के वैश्विक दाम 200 से 250 डॉलर प्रति टन गिर गए हैं। हालांकि रिटेल मार्केट और रिटेल प्राइस पर इसका असर नजर आने में समय लगता है और उम्मीद है कि जल्द ही ये भाव कम हो जाएंगे। हालांकि बैठक में खाद्य विभाग ने उन्हें बताया कि मैनुफैक्चरर्स और रिफाइनर्स द्वारा प्राइस टू डिस्ट्रीब्यूटर्स (PTD) को भी तुरंत प्रभाव से घटाना होगा जिससे कीमतों में गिरावट किसी भी तरह से कम नहीं हो।
बैठक में इन बातों पर भी दिया गया जोर
इस बात पर भी जोर दिया गया कि मैनुफैक्चरर्स या रिफाइनर्स द्वारा जब कभी प्राइस टू डिस्ट्रीब्यूटर्स में कमी की जाती है, तो इंडस्ट्री की ओर से कंज्यूमर्स को इसका लाभ मिलना चाहिए। साथ ही नियमित तौर पर इसकी सूचना सरकार को देनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि कुछ कंपनियां जिनके MRP दूसरे ब्रैंड्स की तुलना में ज्यादा है और जिन्होंने अपने दाम नहीं घटाए उन्हें कीमत कम करने को कहा गया है। बैठक में प्राइस डेटा कलेक्शन और खाद्य तेलों की पैकेजिंग जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
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