Navratri 2025: ऐसा रहस्यमयी मंदिर जहां हर रात प्रकट होती हैं मां काली

Admin@HindiNews
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Navratri 2025

Navratri 2025: Joy Maa Shyamsundari Kali Temple : नवरात्रि का पर्व पूरे भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। मां दुर्गा के भक्त व्रत, पूजा पाठ और हवन कर मां को रिझाते हैं। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विशेष महत्व होता है। Navratri 2025 जहां अष्टमी और नवमी के दिन हवन व पूजा का महत्व सबसे ज्यादा अधिक माना जाता है, वहीं मां काली की उपासना भी भक्तों को अपार शक्ति और कृपा प्रदान करती है।

कोलाकाता का ‘जॉय मां श्यामसुंदरी मंदिर’ एक ऐसा स्थान है, जहां मां काली की अद्भुत और रहस्यमयी लीलाओं के दर्शन होते हैं। Navratri 2025 के समय से मंदिर और भी विशेष हो जाता है। मां काली मां दुर्गा का ही रूप हैं, बस फर्क ये है कि मां दुर्गा पालन-पोषण और रक्षा का प्रतीक हैं तो मां काली बुराई के अंत और न्याय की प्रतीक हैं। इसलिए कहा जाता है कि मां काली मां दुर्गा का ही एक प्रचंड रूप है।

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Maa Kali के मंदिर की रहस्यमयी विशेषताएं

रात में प्रकट होती हैं मां काली

  • मान्यता है कि हर रात मां काली मंदिर के प्रांगण में भ्रमण करती हैं।
  • कई भक्तों ने मंदिर से पायल की आवाजें सुनने का दावा किया है।
  • सुबह मंदिर खुलने पर मां काली के चरणों में धूल और फूल चिपके मिलते हैं।

भक्तों के आंसुओं से पिघलती हैं मां

    • कहते है जब कोई भक्त आंसुओं के साथ मां के चरणों में प्रार्थना करता है, तो मूर्ति का चेहरा भावुक और दयालु दिखाई देने लगता है।
    • यही अनुभव भक्तों की आस्था को और गहरा बना देता है और भक्तों के आंसुओं से मां काली पिघलत कर उनका उदार करती हैँ।

कच्चे चावल और केले का अनोखा प्रसाद

  • ‘जॉय मां श्यामसुंदरी मंदिर’ मंदिर में मां को कच्चे चावल और केले चढ़ाने की परंपरा है।
  • मान्यता है कि यह प्रसाद स्वयं मां काली की पसंद है और इसे अर्पित करने से मां की विशेष कृपा से फल मिलता है।
  • Navratri 2025:  शारदीय नवरात्रि 2025 में मां दुर्गा के साथ मां काली की उपासना भी भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
  • अष्टमी और नवमी के दिन हवन, पूजा और काली साधना करने से जीवन की नकारात्मकता दूर होती है और शक्ति की प्राप्ती होती है।

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  • अष्टमी हवन मुहूर्त: सुबह 6:13 बजे से शाम 6:06 बजे तक।
  • नवमी हवन मुहूर्त: सुबह 6:14 बजे से शाम 6:07 बजे तक।

दुर्गा अष्टमी हवन सामग्री लिस्ट 2025

  • आम की लकड़ी
  • कुशा (पवित्र घास)
  • गाय का घी
  • हवन समिधा
  • जौ (यव)
  • गूगल और लोबान
  • चंदन की लकड़ी का बुरादा
  • हल्दी और सुपारी
  • कपूर
  • रोली, अक्षत, लाल कपड़ा
  • फल और मिठाई
  • कलश जल और गंगाजल
  • पुष्प और मालाएं
  • दूर्वा और बेलपत्र
  • हवन कुंड और स्रुव चम्मच

नवरात्रि और काली उपासना का महत्व

  • नवरात्रि में मां काली की उपासना से जीवन में शक्ति, साहस और समृद्धि का संचार होता है।
  • दुर्गा अष्टमी के हवन से वातावरण शुद्ध होता है और मां दुर्गा-काली दोनों की विशेष कृपा मिलती है।
  • भक्त मानते हैं कि इस पावन समय पर मां काली अपने भक्तों के कष्ट दूर कर उन्हें सुख और सफलता प्रदान करती हैं।

तुरंत मिलता है पर्चा

  • Navratri 2025 सिर्फ पूजा-पाठ का पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मिक शक्ति और आस्था का भी उत्सव है। कोलकाता का ‘जॉय मां शामसुंदरी मंदिर’ इस पर्व में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यहां मां काली की दिव्य उपस्थिति का अनुभव भक्त प्रत्यक्ष रूप से करते हैं।
  • दुर्गा अष्टमी और नवमी पर यदि मुहूर्त और विधि विधान से हवन और पूजन किया जाए तो मां दुर्गा और मां काली की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।
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