Navratri Havan Samagri List 2025: शारदीय नवरात्रि का पर्व भक्तों के लिए खास होता है। इस दौरान मां दुर्गा की साधना, व्रत, पाठ और हवन पूजन का विशेष महत्व होता है। कुछ लोग नवरात्रि में हर दिन व्रत रखते हैं और कुछ पहले दिन और अष्टमी का उपवास रखते हैं। पूरे नौ दिन माताजी के अलग-अलग रूप की पूजा की जाती है। हर दिन माताजी के हरेक रूप के अलग-अलग महत्ता होती है। लेकिन अष्टमी और नवमी की पूजा का विशेष महत्व होता है। अगर आप पहली बार अष्टमी की पूजा करने वाले हैं तो पहले ही शुभ मुहूर्त और पूजा पाठ और हवन सामग्री के बारे में जान लें ताकि ऐन वक्त पर हड़बड़ी ना मचे।
दुर्गा अष्टमी 2025 का शुभ मुहूर्त
दुर्गा अष्टमी के दिन हवन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 6 मिनट तक होगा।
नवमी के दिन हवन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 14 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 7 मिनट के बीच मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं।
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Navratri Havan Samagri लिस्ट 2025
हवन करते समय निम्न सामग्री जरूर रखें ताकि पूजा विधि पूरी हो सके:
1. आम की लकड़ी– हवन के लिए सबसे पवित्र मानी जाती है।
2. कुशा (पवित्र घास)– आहुति डालने के लिए।
3. गाय का घी– पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा के लिए।
4. हवन समिधा– अलग-अलग लकड़ियों का छोटा बंडल।
5. जौ (यव)– हर आहुति में डाले जाते हैं।
6. गूगल और लोबान– सुगंध और शुद्ध वातावरण के लिए।
7. चंदन की लकड़ी का बुरादा– देवताओं को प्रसन्न करने के लिए।
8. हल्दी और सुपारी– शुभता का प्रतीक।
9. कपूर (Camphor) – अग्नि प्रज्वलन के लिए।
10. रोली, अक्षत (चावल), लाल कपड़ा– देवी की पूजा में अनिवार्य।
11. फल और मिठाई– नैवेद्य के रूप में।
12. कलश जल और गंगाजल– पवित्रता के लिए।
13. पुष्प और मालाएं– माता दुर्गा की आराधना हेतु।
14. दूर्वा और बेलपत्र– आहुति में प्रयोग।
15. हवन कुंड और चम्मच (स्रुव)– हवन करने के लिए जरूरी उपकरण।
दुर्गा अष्टमी हवन विधि
1. सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजन स्थल को शुद्ध करें।
2. कलश स्थापना और देवी दुर्गा का आवाहन करें।
3. मंत्रों का उच्चारण करते हुए हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करें।
4. घी और लकड़ी डालकर “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र के साथ आहुति दें।
5. सभी सामग्री क्रमशः आहुति में डालें।
6. हवन के अंत में आरती करें और प्रसाद बाँटें।
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Navratri Havan का महत्व
हवन से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन से नकारात्मकता दूर होती है।
अष्टमी का हवन करने से सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शक्ति की प्राप्ति होती है।
पूजा का महत्व
नवरात्रि 2025 का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाएं। दुर्गा अष्टमी पर हवन करना अत्यंत शुभ है, इसलिए पहले से हवन सामग्री तैयार कर लें और शुभ मुहूर्त में हवन अवश्य करें।
तुलसी के पौधे की करें पूजा
नवरात्रि के दिन के पौधे की पूजा करना शुभ माना जाता है। लेकिन ध्यान रखे तुलसी के पौधे को हमेशा ईशान कोण में रखे। पूरी नवरात्रि तुलसी के पौधे के नीचे दीया जलाएं। सुबह स्नान के बाद तुलसी के पौधे में पानी चढ़ाएं।
नोट :-इस आर्टिकल में दी गई जानकारियों पर हम पूणर्तया दावा नहीं कर सकते हैं कि सत्य या स्टीक है। विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित विशेषज्ञ से जानकारी जरूर लें।